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Rana_Tharu 2023-03-08 15:02:50 +05:45
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12/23.txt Normal file
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\v 23 \v 24 23 येशू उनके जवाफ दै, “आदमीको पुत्रको महिमित होनके समय आएपुगो हए| 24 नेहत्व, मए तुमसे कहतहौ, गेहुको दाना मट्टीमे पाणके मरे हए नए तव बो एकए रहतहए| अगर बो मरीगौ तव बो बहुत फल फलत हए|

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12/25.txt Normal file
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\v 25 \v 26 25 अपन प्राणके माया करन बारे बो गुमएहँए, पर अपन प्राण जा संसारमे तुच्छ मानन् बारे चाहिँ अनन्त जिवनके ताहिँ बो सुरक्षित् धरंगे| 26 कोई मिर सेवा करेहए तव बो मोके पछेयाबए और मए जहाँ हौ, मिर सेवक फिर हुवाँए हुइहए| कोई मिर सेवा करेहए तव पिता बोके कदर करेहए|

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12/27.txt Normal file
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\v 27 \v 28 \v 29 27 "अब मिर प्राण व्याकुल हुइगव हए, और मए का कहौ? 'हे पिता, मोके जा घणीसे बचाएले? जहे कारणसे नए मए जा घणी तक अएपुगो हौ| " 28 हे पिता, तुमर नाउँको महिमा करओ|” तव स्वर्गसे अइसो एक अवाज अओ, “मए बो महिमा करो हौ, और फिर करंगो|” 29 हुवाँ ठढी भै भिण जा सुनके कही, “जा बादल गरजो हए!” और कहिँ, “स्वर्गदुत बोसे बोलिहए!”