From 87fd34c80d3d1801cca9d0ba2403b153aad282c4 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 30 Jul 2023 13:12:22 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 13:12:22 GMT+0545 (Nepal Time) --- 08/52.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/08/52.txt b/08/52.txt index a18b19d..de00807 100644 --- a/08/52.txt +++ b/08/52.txt @@ -1 +1 @@ -\v 52 यहूदी बासे कहिँ, “अब हम जानत हँएँ ,कि तुमके भुत लागो हए ।अब्राहाम और अगमवक्ता मरी गए, पर तुम काहत हौ 'अथावा कोई मिर वचन मानत हए कहेसे बा कबही मृत्यु ना पक्का पता हुइगओ, तुमके भुत जरुर करके लागो हए । अब्राहाम और अगमवक्ता मरिगओ, फिर, तुम कहत् हौ, 'जौन मिर वचन पालन करेगओ तव बा कबहू ना मरैगो ।” \v 53 का हमर मरो भओ पुर्खा अब्राहामसे तुम बणे ना हओ, हओ त ? अगमवक्ता फिर मरीगए,। तुम त अपनएके मए कौन हौँ कहिक कहत हौ ?” \ No newline at end of file +\v 52 यहूदी बासे कहिँ, “अब हम जानत हँएँ ,कि तुमके भुत लागो हए ।अब्राहाम और अगमवक्ता मरी गए, पर तुम काहत हौ 'अथावा कोई मिर वचन मानत हए कहेसे बा कबही मृत्यु ना चाख्हए ।' \v 53 तुम हमर मरो भओ अब्राहामसे तुम बणे ना हओ, हओ त ? अगमवक्ता फिर मरीगए,। तुम त अपनएके मए कौन हौँ कहिक कहत हौ ?” \ No newline at end of file