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33 जब येशू बोके संग आनबारे यहूदीन के फिर रोत देखि, तव बो आत्मामे गजब व्याकुल हुइगव और बहुत दुखित हुइगव| 34 बो बिनसे पुछी, तुम बोके कहाँ धरेहौ?” 35 येशू रोइ|
\v 33 \v 34 \v 35 33 जब येशू बोके संग आनबारे यहूदीन के फिर रोत देखि, तव बो आत्मामे गजब व्याकुल हुइगव और बहुत दुखित हुइगव| 34 बो बिनसे पुछी, तुम बोके कहाँ धरेहौ?” 35 येशू रोइ|

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\v 36 \v 37 36 जहेमारे यहूदी कहिँ, “देखौत्, बो उनके कित्तो माया करत् रहए|” 37 तव कोई कोई कही, “का अन्धराके आँखी खोलदेन बारो जा आदमीके फिर मरनसे नए बचए पैतो का?”

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\v 38 \v 39 \v 40 ?” 38 तव येशू फिर बहुत व्याकुल हुइके मरघाटमे गव| बो मरघाटके एक गड्डामे रहए| बोको मुहू एक पत्थरसे तुपोरहए| 39 येशू कही, “पत्थर हाटओ|” मरो भव आदमीक दिदी मार्था कही, “हे प्रभु अबत् बो गिन्धान लागो हुइहए, कहेकी बोके मरे चार दिन हुइगव हए|” 40 येशू बोसे कही, “का मए तुमसे कहो नैयाँ, 'तुम बिश्वास करैगे तव परमेश्वरको महिमा देखैगे?”