From 60559796e1ca103d8c8b39330ec38429cda08b61 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 16 Mar 2023 13:16:31 +0545 Subject: [PATCH] Thu Mar 16 2023 13:16:30 GMT+0545 (Nepal Time) --- 05/14.txt | 4 ++-- 05/16.txt | 6 +++--- 05/19.txt | 4 ++-- 05/21.txt | 6 +++--- 05/26.txt | 4 ++-- 05/28.txt | 4 ++-- 05/30.txt | 6 +++--- 05/33.txt | 6 +++--- 05/36.txt | 6 +++--- 05/39.txt | 4 ++-- 05/41.txt | 4 ++-- 05/43.txt | 4 ++-- 12 files changed, 29 insertions(+), 29 deletions(-) diff --git a/05/14.txt b/05/14.txt index 868451f..c7d67d6 100644 --- a/05/14.txt +++ b/05/14.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 14 \v 15 14 तव पिछु येशू बाके मन्दिरमे भेटके कही, “देख, तए अच्छो भव हए। फिर पाप मत करीए, और तिर उपर और जद्धा खराबी नाए अबए ।” -15 बाके अच्छो कर्न बारो त येशू हए करके बा आदमी जाएके यहूदीन के बताए दैं ।” \ No newline at end of file +\v 14 14 तव पिछु येशू बाके मन्दिरमे भेटके कही, “देख, तए अच्छो भव हए। फिर पाप मत करीए, और तिर उपर और जद्धा खराबी नाए अबए ।” +\v 15 15 बाके अच्छो कर्न बारो त येशू हए करके बा आदमी जाएके यहूदीन के बताए दैं ।” \ No newline at end of file diff --git a/05/16.txt b/05/16.txt index 7a2bd51..a039561 100644 --- a/05/16.txt +++ b/05/16.txt @@ -1,3 +1,3 @@ -\v 16 \v 17 \v 18 16 तहि मारेसे यहूदी येशूके खेदो कर्न लागे, कहेकी बा काम शबाथ दिनमे करी रहए । -17 तव येशू बिनसे कही, “मिर दौवा हबए तक काम करी रहो हए, और मए फिर काम करी रहो हौ ।” -18 जहे मरे यहूदी येशूके मारन और जद्धा बिचार कर्न लागे, कहेकी बा शबाथ-दिन भङग् करी इकल्लो नाए, तव अपनाएके परमेश्वरके बराबर बनाइँ और बा परमेश्वरसे अपन पिता कहीरहए । \ No newline at end of file +\v 16 16 तहि मारेसे यहूदी येशूके खेदो कर्न लागे, कहेकी बा काम शबाथ दिनमे करी रहए । +\v 17 17 तव येशू बिनसे कही, “मिर दौवा हबए तक काम करी रहो हए, और मए फिर काम करी रहो हौ ।” +18 \v 18 जहे मरे यहूदी येशूके मारन और जद्धा बिचार कर्न लागे, कहेकी बा शबाथ-दिन भङग् करी इकल्लो नाए, तव अपनाएके परमेश्वरके बराबर बनाइँ और बा परमेश्वरसे अपन पिता कहीरहए । \ No newline at end of file diff --git a/05/19.txt b/05/19.txt index b9f5ae5..bcca3d9 100644 --- a/05/19.txt +++ b/05/19.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 19 \v 20 19 येशू बिनसे कही, “नेहत्व, मए तुमसे कहत हौ, लौड़ा अपनाए कुछु करनाए पए हए, पर दौवा जो करत् दीखेहए बहे करेहए, कहेकी दौवा जो करेहए, लौड़ा बहे करेहए । -20 कहेकी दौवा लौड़ाके प्रेम करत् हए, और बा अपनाए करी रहो सब काम लौड़ाके दिखात हए। जिनसे बड़ो काम बा लौड़ाके दिखात हए, और तुम अचम्मो मनेहौ । \ No newline at end of file +\v 19 19 येशू बिनसे कही, “नेहत्व, मए तुमसे कहत हौ, लौड़ा अपनाए कुछु करनाए पए हए, पर दौवा जो करत् दीखेहए बहे करेहए, कहेकी दौवा जो करेहए, लौड़ा बहे करेहए । +\v 20 20 कहेकी दौवा लौड़ाके प्रेम करत् हए, और बा अपनाए करी रहो सब काम लौड़ाके दिखात हए। जिनसे बड़ो काम बा लौड़ाके दिखात हए, और तुम अचम्मो मनेहौ । \ No newline at end of file diff --git a/05/21.txt b/05/21.txt index 3e5cf2d..d94c265 100644 --- a/05/21.txt +++ b/05/21.txt @@ -1,3 +1,3 @@ -\v 21 \v 22 \v 23 21 काहेकी जैसे दौवा मृतकनके उठाबैगो और बिनके जीवन देबैगो, उइसी लौड़ा फिर जौनक इच्छा करत हए, बाके जीवन देतहए । -22 काहेकी पिता कोइके फिर न्याय नए करत हए, बल्कि सब न्याय करन काम लौड़ा के दै हए, -23 ताकि सब लौड़ाके आदर करएँ, जैसे बे पिताके आदर करत हँए । लौड़ाके आदर नाए करहए ताओ बोके पठान बालो पिता फिर आदर नाए करैगो । \ No newline at end of file +\v 21 21 काहेकी जैसे दौवा मृतकनके उठाबैगो और बिनके जीवन देबैगो, उइसी लौड़ा फिर जौनक इच्छा करत हए, बाके जीवन देतहए । +\v 22 22 काहेकी पिता कोइके फिर न्याय नए करत हए, बल्कि सब न्याय करन काम लौड़ा के दै हए, +\v 23 23 ताकि सब लौड़ाके आदर करएँ, जैसे बे पिताके आदर करत हँए । लौड़ाके आदर नाए करहए ताओ बोके पठान बालो पिता फिर आदर नाए करैगो । \ No newline at end of file diff --git a/05/26.txt b/05/26.txt index 7c95f45..b5b84ce 100644 --- a/05/26.txt +++ b/05/26.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 26 \v 27 26 कहेकी जैसी दौवा अपनाए जीवन हए उईसी, बा लौड़ाक फिर अपनाएमे जीवनको स्रोत होनके अधिकार दैहए । -27 और बाके न्यायको फैसला करनके अधिकार दैहए, कहेकी बा आदमीक लौड़ा हए । \ No newline at end of file +\v 26 26 कहेकी जैसी दौवा अपनाए जीवन हए उईसी, बा लौड़ाक फिर अपनाएमे जीवनको स्रोत होनके अधिकार दैहए । +\v 27 27 और बाके न्यायको फैसला करनके अधिकार दैहए, कहेकी बा आदमीक लौड़ा हए । \ No newline at end of file diff --git a/05/28.txt b/05/28.txt index 217aef7..188bd53 100644 --- a/05/28.txt +++ b/05/28.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 28 \v 29 28 जामे अचम्मो मत मानओ, कहेकी बेरा आईगव हए, तव गड्डामे होन बारे सब बाको आबाज सुनंगे -29 और बाहिर निकार अए हँए असल काम करन बारे जीवनके तही जिन्दा हुइहँए, और कुक्रम करन बारे दण्डके तही जिन्दा हुइहँए \ No newline at end of file +\v 28 28 जामे अचम्मो मत मानओ, कहेकी बेरा आईगव हए, तव गड्डामे होन बारे सब बाको आबाज सुनंगे +\v 29 29 और बाहिर निकार अए हँए असल काम करन बारे जीवनके तही जिन्दा हुइहँए, और कुक्रम करन बारे दण्डके तही जिन्दा हुइहँए \ No newline at end of file diff --git a/05/30.txt b/05/30.txt index dcc5d88..6140d0f 100644 --- a/05/30.txt +++ b/05/30.txt @@ -1,3 +1,3 @@ -\v 30 \v 31 \v 32 30 "मए अपनाए कुछु नाए करपैहौ। जैसी मए सुनत हौ, उइसी न्याय मए करंगो, और मिर न्याय ठीक ठहीरैगो, कहेकी मए अपन इच्छा नाए ढुणत हौ, मोके पठान बारेकि इच्छा ढुड्त हौ ।" -31 "यदी मए अपन बारेमे गवाही देहौ तव मिर गवाही सत्य नाए हुइहए ।" -32 मिर बारेमे गवाही देन बारो दुसरो हँए और मए जान्तहौ, कि मेरे बारेमे बा जो गवाही देतहँए, बा गवाही सत्य ठहीरैगो। \ No newline at end of file +\v 30 30 "मए अपनाए कुछु नाए करपैहौ। जैसी मए सुनत हौ, उइसी न्याय मए करंगो, और मिर न्याय ठीक ठहीरैगो, कहेकी मए अपन इच्छा नाए ढुणत हौ, मोके पठान बारेकि इच्छा ढुड्त हौ ।" +\v 31 31 "यदी मए अपन बारेमे गवाही देहौ तव मिर गवाही सत्य नाए हुइहए ।" +\v 32 32 मिर बारेमे गवाही देन बारो दुसरो हँए और मए जान्तहौ, कि मेरे बारेमे बा जो गवाही देतहँए, बा गवाही सत्य ठहीरैगो। \ No newline at end of file diff --git a/05/33.txt b/05/33.txt index 4ec4061..3a674c4 100644 --- a/05/33.txt +++ b/05/33.txt @@ -1,3 +1,3 @@ -\v 33 \v 34 \v 35 33 "तुम यूहन्ना ठिन पुछ्न पठाओ, और बा सत्य कि गवाही दैहए्।" -34 मए ग्रहण करो गवाही आदमीक नैयाँ, पर तुमर उध्दार होबए करके मए जा बात कहोहौ । -35 यूहन्ना पज्रत और चमक्त दियाँ रहए, और तुम बक उजियारेमे थोडीदेर आनन्द मननके राजी भए । \ No newline at end of file +\v 33 33 "तुम यूहन्ना ठिन पुछ्न पठाओ, और बा सत्य कि गवाही दैहए्।" +\v 34 34 मए ग्रहण करो गवाही आदमीक नैयाँ, पर तुमर उध्दार होबए करके मए जा बात कहोहौ । +\v 35 35 यूहन्ना पज्रत और चमक्त दियाँ रहए, और तुम बक उजियारेमे थोडीदेर आनन्द मननके राजी भए । \ No newline at end of file diff --git a/05/36.txt b/05/36.txt index 5948bdb..b8ce936 100644 --- a/05/36.txt +++ b/05/36.txt @@ -1,3 +1,3 @@ -\v 36 \v 37 \v 38 36 "पर मिर संग जो गवाही हए, बा यूहन्नक से बडि हए। कहेकी जौन काम पुरा कर्न दौवा मोके दैहए, बो काम मए करिरहो हौ, और बे मिर बारेमे गवाही देहँए कहेकी पिता मोके पठाई हए ।" -37 मोके पठान बारो दौवा अपनाए मिर बारेमे गवाही दैहए। बा आबाज तुम कबहु नाए सुनेहौ, और बाको रुप कबहु नाए देखेहौ । -38 बाको बचन तुमरमे नाए रहत हए, कहेकी जौनके बा पठाई हए, तुम बाके उपर बिश्वास कर्त नाएहौ । \ No newline at end of file +\v 36 36 "पर मिर संग जो गवाही हए, बा यूहन्नक से बडि हए। कहेकी जौन काम पुरा कर्न दौवा मोके दैहए, बो काम मए करिरहो हौ, और बे मिर बारेमे गवाही देहँए कहेकी पिता मोके पठाई हए ।" +\v 37 37 मोके पठान बारो दौवा अपनाए मिर बारेमे गवाही दैहए। बा आबाज तुम कबहु नाए सुनेहौ, और बाको रुप कबहु नाए देखेहौ । +\v 38 38 बाको बचन तुमरमे नाए रहत हए, कहेकी जौनके बा पठाई हए, तुम बाके उपर बिश्वास कर्त नाएहौ । \ No newline at end of file diff --git a/05/39.txt b/05/39.txt index f8b85c1..2867dcd 100644 --- a/05/39.txt +++ b/05/39.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 39 \v 40 39 तुम धर्मशास्त्रमे ढुडे कर्तहौ, कहेकी बामे अनन्त जीवन मिलत हए करके तुम कहतहौ। मिर बारेमे गवाही देन बारो बहे धर्मशास्त्र हए, -40 तहुंफिर तुम जीवन पानके तही मिर ठिन आनके इन्कार कर्तहौ । \ No newline at end of file +\v 39 39 तुम धर्मशास्त्रमे ढुडे कर्तहौ, कहेकी बामे अनन्त जीवन मिलत हए करके तुम कहतहौ। मिर बारेमे गवाही देन बारो बहे धर्मशास्त्र हए, +\v 40 40 तहुंफिर तुम जीवन पानके तही मिर ठिन आनके इन्कार कर्तहौ । \ No newline at end of file diff --git a/05/41.txt b/05/41.txt index 7696da6..dcc732f 100644 --- a/05/41.txt +++ b/05/41.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 41 \v 42 41 "मए आदमीसे महिमा ग्रहण नाए करंगो," -42 पर परमेश्वरको प्रेम तुमरमे नैया करके मए जानतहौ । \ No newline at end of file +\v 41 41 "मए आदमीसे महिमा ग्रहण नाए करंगो," +\v 42 42 पर परमेश्वरको प्रेम तुमरमे नैया करके मए जानतहौ । \ No newline at end of file diff --git a/05/43.txt b/05/43.txt index 01948ef..bf12ebe 100644 --- a/05/43.txt +++ b/05/43.txt @@ -1,2 +1,2 @@ -\v 43 \v 44 43 मए अपने दौवाके नाउँमे आओ हौ, पर तुम मोके ग्रहण नाए कर्तहौ । और दुस्रो कोई अपन नाउँमे आईगओ बाके तुम ग्रहण करलेहौ । -44 तुम कैसे बिश्वास करपैहौ, जब तुम आपसमे एक दुसरे से सम्मान ढुडत हौ, और बा सम्मान कि खोजी नाए करतहौ, जो एक मात्र परमेश्वरसे आतहए । \ No newline at end of file +\v 43 43 मए अपने दौवाके नाउँमे आओ हौ, पर तुम मोके ग्रहण नाए कर्तहौ । और दुस्रो कोई अपन नाउँमे आईगओ बाके तुम ग्रहण करलेहौ । +\v 44 44 तुम कैसे बिश्वास करपैहौ, जब तुम आपसमे एक दुसरे से सम्मान ढुडत हौ, और बा सम्मान कि खोजी नाए करतहौ, जो एक मात्र परमेश्वरसे आतहए । \ No newline at end of file