Tue Mar 07 2023 14:23:35 GMT+0545 (Nepal Time)
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\v 25 \v 26 \v 27 25 बे बासे पुछी, “तुम कौन हौ तव?” येशू बिनसे कही, “मए बहे हौ, जो मए तुमके सुरुसे लैके कहत अओ हौ ।
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26 मए तुमरे बारेमे कहन और न्याय करन बहुत हए। बल्कि मोके पठन बारो सत्य हए, और बासे मए जो सुनो बहे बात मए संसारके बतात् हौ ।”
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27 पिताके बारेमे कहिँ हए करके बे बुझिनाए।
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\v 28 \v 29 \v 30 28 जहेमारे येशू कही, “जब तुम आदमीक पुत्रके उपर उचए हौ, मए बहे हौ करेके तुम पता पैहौ, और मए अपने अधिकारमे कुछ नाए कर हौ, पर पिता सिखई बात मस्कत् हौ करके जानैगे ।
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29 मोके पठान बारो मिर संग हए । बा मोके इकल्लो नाए छोडि हए, कहेकी मए सब दिन बाके खुशी करन बारो काम कर्तहौ ।”
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30 बा जा बात कहत् गजब बाके उपर बिश्वास करीँ।
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\v 31 \v 32 \v 33 31 येशू अपन उपर बिश्वास करन बारे यहूदीनसे कही, “तुम मिर वचनमे रएहौ तव तुम नेहत्व मिर चेला हुइहौ।
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32 तव तुम सत्य काहए करके सो जानैगे, और सत्य तुमके स्वतन्त्र करेहए।”
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33 बे बाके जबाफ दै, “हम अब्राहमके सन्तान हँए, और हबाए तक कोईके बन्धानमे पडे नाएहए । 'तुम स्वतन्त्र हुईहौ करके कैसे कहत हौ?”
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