From 40176511aca614c086160c22f393a0097387b9e0 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Wed, 26 Jul 2023 15:49:08 +0545 Subject: [PATCH] Wed Jul 26 2023 15:49:07 GMT+0545 (Nepal Time) --- 16/01.txt | 2 +- 16/03.txt | 2 +- 2 files changed, 2 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/16/01.txt b/16/01.txt index 3e8cc6e..8983631 100644 --- a/16/01.txt +++ b/16/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 16 \v 1 "तुम ठोकर ना खबओ करके मए जा बात तुमसे कहो हौ ।" \v 2 बे तुमके सभाघरसे निकर देहए । नेहत्व अइसो समय अबैगो, जब तुम हत्या करन बारे परमेश्वरको सेवा करत् हौ करके कहमंगे| \ No newline at end of file +\c 16 \v 1 "तुम ठोकर ना खबओ करके मए जा बात तुमसे कहो हौ ।" \v 2 बे तुमके सभाघरसे निकर देहए । नेहत्य अइसो समय अबैगो, जब तुम हत्या करन बारे परमेश्‍वरको सेवा करत् हौ करके कहमंगे| । \ No newline at end of file diff --git a/16/03.txt b/16/03.txt index 55c6a59..427e482 100644 --- a/16/03.txt +++ b/16/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 \v 4 3 बे जा काम करत् हए, कहेकी बे पिताके चिन्त् नैयाँ| और मोके फिर चिन्त् नैयाँ| 4 पर जा बात मए तुमके बतत् हौ, कि जब जा समय अए हए, तव तुमके स्मरण हुइहए| पहिली मए जा बात नाए कहो, कहेकी मए तुमर संग रहौ| \ No newline at end of file +\v 3 3 बे जा काम करत् हए, कहेकी बे पिताके चिन्त् ना हए। और मोके फिर चिन्त् ना हए । \v 4 पर जा बात मए तुमके बतात् हौ, कि जब जा समय अए हए, तव तुमके स्मरण हुइहए| पहिली मए जा बात नाए कहो, कहेकी मए तुमर संग रहौ| \ No newline at end of file