From 39c0763a350be9cdb772f1b15b5af30566b36b96 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Mon, 6 Mar 2023 15:57:12 +0545 Subject: [PATCH] Mon Mar 06 2023 15:57:12 GMT+0545 (Nepal Time) --- 02/20.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/02/20.txt b/02/20.txt index aaa0d6d..6a6f0d4 100644 --- a/02/20.txt +++ b/02/20.txt @@ -1 +1 @@ -\v 20 तव यहुदी अधिकारि कहान लागे, “जा मन्दिर बनान् के छयालीस वरष लागो हए, और का तुम जाके तीन दिनमे खडा करदेहौ का?” \v 21 पर जौन मन्दिरके वारेमे बा कही रहए, बा बाकि शरीर रहए । \v 22 जब बा मरके जिन्दा भव, तव येशूकि कही जा बात चेलनके याद भइ और बे धर्मशास्त्र उपर और येशूक कहि भई बात उपर विश्वास करी । \ No newline at end of file +\v 20 तव यहुदी अधिकारि कहान लागे, “जा मन्दिर बनान् के छयालीस वरष लागो हए, और तुम जाके तीन दिनमे खडा करदए हऔ का ?” \v 21 पर बा अपन शरीर जौन मन्दिरके वारेमे बा कही रहए, बा बाकि रहए । \v 22 जब बा मरके जिन्दा भव, तव येशूकि कही जा बात चेलनके याद भइ और बे धर्मशास्त्र उपर और येशूक कहि भई बात उपर विश्वास करी । \ No newline at end of file