thr_jhn_text_reg/04/27.txt

1 line
391 B
Plaintext
Raw Normal View History

\v 27 "उतिए खिन बाके चेला आएगए, और बा एक बैयरसे बात करत देखके,बे छक्क पडीँ “और तुम का चाहत हऔ ?” अथवा “तुम बा बैयरसे काहे बातचित करत हौ ? कहिके कोई ना कहीँ ।