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\v 41 यशैया जा बात कही, काहेकी बे येशकी महिमा देखि, और बाके बारेमे कही । \v 42 तहु फिर शासक मैसे बहुत बाके उपर बिश्‍वास करीं, तव फरिसीके डरके मारे, और बे साभाघरसे निकरदेहए करके डरके मारे तव स्वीकर करीनए् । \v 43 कहेकी परमेश्‍वरको प्रशंसासे जद्धा आदमीको प्रशंसा बे जद्धा रुचारहए ।