thr_gal_text_reg/03/10.txt

1 line
871 B
Plaintext

\v 10 व्यवस्थाक काममे भर पणन बारे सब श्रापित हएँ, काहेकी लिखोहए, “व्यवस्थाके सब बातमे न रहनबारो और बे पालन न करन् बारे हरेक श्रापित हएँ।” \v 11 "परमेश्‍वरको दृष्टिमे व्यवस्थासे कोइ आदमी धर्मी न ठहिरैगो करके जा बात सफा हए काहेकी "धर्मी त विश्‍वासै से जिबैगो।” \v 12 व्यवस्था त विश्‍वास उपर अधारित न हय, पर जौन आदमी जा काम करेहए, बा बिनहीसे जिहए।”