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\v 17 हमजो ख्रीष्टमे धर्मी ठहरन चाहत हएँ, यदि अपनय पापी निकरे, तौ का ख्रीष्ट पापको सेवक है ? उईसो न हय। \v 18 काहेकी अपन उजाढो चीजके मए फिर बनामओ तव, अपनए अपनएके मए अपराधी हौं करके साबित करत् हौं। \v 19 मैं जो व्यवस्था के द्वारा व्यवस्थाके ताहिं मै मरिगौ ताकि परमेश्‍वर के ताहीं जिमौ ।