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\v 17 तव मै जा जोण दइके प्रभुमे कहतहौ और प्रभुमे गवाही देतहौ, कि अन्यजाति जैसी बे विचारके व्यर्थमे जितहए तैसी तुम अबसे उइसो मतजिओं| \v 18 बिनकी हृदयको कठोरता लैकेआओं बिनकी अज्ञानताके कारणसे बे परमेश्वरको जीवनसे बिरानो भव हए, और बिनकी समझ अन्धकारसे भरो हए| \v 19 बे कठोर हुइगए हए, और सब किसिमको अशुध्द काम करन लालचमे पणके बे छाणा हुइ गए हए|