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\v 12 काहेकी हमरी लणाइ शरीर और खुनके बिरुध्दमे नाहए । पर शासकनके बिरुध्द, शाक्तिनके बिरुध्द, वर्तमान अन्धकारके संसारिक शासकनके बिरुध्द और स्वर्गीय जगहमे बैठन बारे दुष्ट आत्मिक सेनानके बिरुध्द हए । \v 13 जहेमारे परमेश्‍वरके हातहतिया उठाबओ, और अइसे खराबए दिनको सामना करौं, और जे सब काम करके तुम अटल हुइके ठाण सकओ ।