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\v 19 मिर ताहि फिर प्रार्थना करीयो, कि जब मए अपन मुहूँ खोलतहओ तव मोके बचन देबए, और मए निरधक्क हुइके सुसमाचारको गुप्त बातके घोषणा करसकओ । \v 20 जौनके ताहीँ मए साँकरसे बाँधो एक राजदुत हओ, और जैसी मोके बोलन पणेहए, उइसीए मए साहससे बोल सकओ ।