\v 14 जहेमारे अटल होबओ ।अपन करेहाँओ मे सत्यकि पेटीसे कसके, धार्मिकताको झिलम लगाएके ठाणे होबओ । \v 15 और टाँगमे मेलमिलापको सुसमाचारको जुत्ता लगाएके तयार होबओ । \v 16 संगए विश्वासको ढाल उठाओ, जौनसे तुम दुष्टके सब अग्निबाणके बुताय सकत हओ ।