thr_eph_text_reg/05/28.txt

1 line
572 B
Plaintext

\v 28 आइसी ही लोगा फिर अपन- अपन बैयरके अपनी शरीरजैसी प्रेम करए ए \v 29 काहेकी कोइ आदमी कबही अपन शरीरके घृणना ना करतहए, पर बाके कदर करके पालनपोषण करतहए, जैसी ख्रीष्ट फिर अपन मण्डलीके ताहि करतहए । \v 30 काहेकी हम बाको शरीरके अङ्ग हए ।