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\v 25 जहेमरे झुट छोणके, सब अपन-अपन पणोसीसे सत्य बोलए, काहेकी हम एकै शरीरमे एक दुसरेके अङ्ग हए । \v 26 क्रोध त करौ पर पाप मत करौ । दिन डुबनसे अग्गु तुमर दिक्क मिटजाबए । \v 27 और दियाबलसके (शैतान) मौका मतदेबौ ।