From a23bd8dd89e68fa9b8a7322c300bff1dd42b7be9 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Mon, 31 Jul 2023 16:40:43 +0800 Subject: [PATCH] Mon Jul 31 2023 16:40:42 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 04/07.txt | 2 +- 04/09.txt | 2 +- 04/11.txt | 2 +- 04/14.txt | 2 +- manifest.json | 4 ++++ 5 files changed, 8 insertions(+), 4 deletions(-) diff --git a/04/07.txt b/04/07.txt index cbb6696..087d013 100644 --- a/04/07.txt +++ b/04/07.txt @@ -1 +1 @@ -\v 7 7 तव ख्रिष्टको बरदानके नाप अनुसार हम सबके अनुग्रह दैहए| \v 8 8 जहेमारे अइसो कहि है: “बो उँचोमे चढिगौ कैदिके बन्दि बनाइके लैगओ, और आदमिके वरदान दैगओ|” \ No newline at end of file +\v 7 तव ख्रिष्टको बरदानके नाप अनुसार हम सबके अनुग्रह दैहए| \v 8 जहेमारे अइसो कहि है: “बो उँचोमे चढिगौ कैदिके बन्दि बनाइके लैगओ, और आदमिके वरदान दैगओ|” \ No newline at end of file diff --git a/04/09.txt b/04/09.txt index 96c999f..0913e1e 100644 --- a/04/09.txt +++ b/04/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 9 "(अब जा ""उचोमे चढिगओ"" कहो का हए? केवल जहे कि बो पृथ्वीके तरे भागमे फिर उतरिगव| " \v 10 10 बो जो उतरो रहए बहे नाए सारा स्वर्गसे बेढम उपर चढीगौ, जहे मारे कि सब चिजके बो भरिपूर्ण कर पाबए) \ No newline at end of file +\v 9 "(अब जा ""उचोमे चढिगओ"" कहो का हए? केवल जहे कि बो पृथ्वीके तरे भागमे फिर उतरिगव| " \v 10 बो जो उतरो रहए बहे नाए सारा स्वर्गसे बेढम उपर चढीगौ, जहे मारे कि सब चिजके बो भरिपूर्ण कर पाबए) \ No newline at end of file diff --git a/04/11.txt b/04/11.txt index 79de668..3377183 100644 --- a/04/11.txt +++ b/04/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 11 तव बाकि बरदान जहे रहए, की कोइ प्रेरित, कोइ अगमवक्ता, कोइ प्रचारक, कोइ मण्डलीक पास्टर और कोइ शिक्षक बनए, \v 12 12 कि ख्रीष्टको शरीर बनए और सेवाको काम करन सन्त तयार होमए, \v 13 13 जबतक हम सब विश्वास और परमेश्वरके पुत्रके ज्ञानको एकता प्राप्त नाकरपैहँए,और परिपक्व आदमी बनके ख्रीष्टको पुरो नाप तक नाए पुगपैहए| \ No newline at end of file +\v 11 तव बाकि बरदान जहे रहए, की कोइ प्रेरित, कोइ अगमवक्ता, कोइ प्रचारक, कोइ मण्डलीक पास्टर और कोइ शिक्षक बनए, \v 12 कि ख्रीष्टको शरीर बनए और सेवाको काम करन सन्त तयार होमए, \v 13 जबतक हम सब विश्वास और परमेश्वरके पुत्रके ज्ञानको एकता प्राप्त नाकरपैहँए,और परिपक्व आदमी बनके ख्रीष्टको पुरो नाप तक नाए पुगपैहए| \ No newline at end of file diff --git a/04/14.txt b/04/14.txt index 5769604..d551bea 100644 --- a/04/14.txt +++ b/04/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 14 अइसी हम छलसे पच्छु-पच्छु ढकेले भए, धार्मिक- सिदान्तको सब बतास से और आदमीनको सब झनझट, चलाकीऔर फटहासे इतेउते उणाए भए बालक जैसे नाए होमए| \v 15 15 बरु प्रेमसे सत्य बोलत सब बातमे हम हुवाँतक, अथवा ख्रीष्टतमे बढतयजामए, जो शिर हए| \v 16 16 बहेसे नाए सारा शरीर सब जोर्नी से जुणो और बधो भव सब भाग ठीक-ठीक काम करन सजिलो होबैगो और प्रेममे बढतैजाओ| \ No newline at end of file +\v 14 अइसी हम छलसे पच्छु-पच्छु ढकेले भए, धार्मिक- सिदान्तको सब बतास से और आदमीनको सब झनझट, चलाकीऔर फटहासे इतेउते उणाए भए बालक जैसे नाए होमए| \v 15 बरु प्रेमसे सत्य बोलत सब बातमे हम हुवाँतक, अथवा ख्रीष्टतमे बढतयजामए, जो शिर हए| \v 16 बहेसे नाए सारा शरीर सब जोर्नी से जुणो और बधो भव सब भाग ठीक-ठीक काम करन सजिलो होबैगो और प्रेममे बढतैजाओ| \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 3804a0f..34b5144 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -70,6 +70,10 @@ "04-title", "04-01", "04-04", + "04-07", + "04-09", + "04-11", + "04-14", "05-title", "06-title" ]