From 01d401456e2ee26dba7624452d48a1a1b9df5178 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Tue, 1 Aug 2023 10:20:32 +0800 Subject: [PATCH] Tue Aug 01 2023 10:20:31 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 02/19.txt | 2 +- manifest.json | 2 +- 2 files changed, 2 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/02/19.txt b/02/19.txt index 436c25a..88c8a0e 100644 --- a/02/19.txt +++ b/02/19.txt @@ -1 +1 @@ -\v 19 अइसी अब तुम विदेशी और प्रवासी ना हओ, तव सन्तनके संग तुम संगी-नगरिक और परमेश्‍वरके परिवारके सदस्य भए हओ । \v 20 बा घराना प्रेरित और अगमवक्तानके जग उपर बैठके बनो गओ हए, और ख्रीष्ट येशू अपनाए त खास पत्थर हए । \v 21 बामे पुरो घर ठीक तरीकासे एकसंग जुडके प्रभुमे एक पवित्र मन्दिर होनकेताही एकसंग बनत जातहए । \v 22 और पवित्र आत्मामे परमेश्‍वरको वासस्थान होनके ताहीं तुम फिर बोमे एकसंग निर्माण होत जात हौ| \ No newline at end of file +\v 19 अइसी अब तुम विदेशी और प्रवासी ना हओ, तव सन्तनके संग तुम संगी-नगरिक और परमेश्‍वरके परिवारके सदस्य भए हओ । \v 20 बा घराना प्रेरित और अगमवक्तानके जग उपर बैठके बनो गओ हए, और ख्रीष्ट येशू अपनाए त खास पत्थर हए । \v 21 बामे पुरो घर ठीक तरीकासे एकसंग जुडके प्रभुमे एक पवित्र मन्दिर होनकेताही एकसंग बनत जातहए । \v 22 और पवित्र आत्मामे परमेश्‍वरको वासस्थान होनके ताहीं तुम फिर बामे एकसंग बनत जात हौ । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 6ba0688..1aa6796 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -56,7 +56,7 @@ "02-11", "02-13", "02-17", - "03-title", + "02-19", "03-01", "03-03", "03-06",