thr_col_text_reg/04/15.txt

1 line
656 B
Plaintext

\v 15 लाउडिकियाके भैया और नुम्फास और बिनके घरमे भए मण्डलीके मेरो अभिबादन देओ । \v 16 तुमरे बीचमे जा पत्र पढके पिछु लाउडिकियाके मण्डलीमे फिर जा पढन लगैयओ, और लाउडिकियाको चिट्ठी फिर तुम पढिओ । \v 17 "तुम प्रभुसे पाओ सेवाको काम पुरा करओ"" करके अर्खिप्पसके कहिदेओ ।"