\v 11 बाको महिमित शक्तिमे आनन्दसे सब सहनशिलता और धैर्यके ताहिँ तुम सब तगणे होबओ । \v 12 हम जा प्रार्थना करत हएँ की तुम आनन्दसे पिताके धन्यवाद देहऔ, जौन तुमके ज्योतिमे विश्वासको हकदारमे सहभागी होन हमके ताहीँ योग्य बनाईँहएँ ।