From e3e03ce3bef1abdcd9b8dbd2e7973c13a04995d1 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Wed, 2 Aug 2023 16:45:57 +0545 Subject: [PATCH] Wed Aug 02 2023 16:45:56 GMT+0545 (Nepal Time) --- 02/18.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/02/18.txt b/02/18.txt index 0883185..d2a3c3a 100644 --- a/02/18.txt +++ b/02/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 अपन शरीरके दु:ख देनबारी बातमे जिद्दी करके स्वर्गदुतके पुजन लगाएके, अपन दर्शनमे अनके, अपन अभिलाषी मनके बिनाकारणको घमण्डसे फुलके कोइ तुमके इनाम गुमानबारो ना बनाबए । \v 19 बा मुणके ना पक्णे रहए।मुणसे लैके जोर्नी और ग्रन्थि हुइके पुरा शरीरमे पकणि रहत् नैयाँ, जौनसे पोषण पाएके जोर्नी और ग्रन्थिसे एकसाथ बाँधके सारा शरीर परमेश्वर दै बृध्दिअनुसार बढत् जातहए । \ No newline at end of file +\v 18 अपन शरीरके दु:ख देनबारी बातमे जिद्दी करके स्वर्गदुतके पुजन लगाएके, अपन दर्शनमे अनके, अपन अभिलाषी मनके बिनाकारणको घमण्डसे फुलके कोइ तुमके इनाम गुमानबारो ना बनाबए । \v 19 बा मुणके ना पक्णे रहए।मुणसे लैके जोर्नी और ग्रन्थि हुइके पुरा शरीरमे काम लगन बारे तत्त्व पकणि रहत् नैयाँ, जौनसे पोषण पाएके जोर्नी और ग्रन्थिसे एकसाथ बाँधके सारा शरीर परमेश्वर दै बृध्दिअनुसार बढत् जातहए । \ No newline at end of file