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\c 3 \v 1 \v 2 \v 3 \v 4 1 जहेमारे अगर तुम ख्रीष्टसंग जिउठे हौ तव उपर कि बात कि खोजी करओ, जहाँ ख्रीष्ट हए और परमेश्वरके दहिने बाहुलीघेन बैठोहए| 2 उपर कि बातमे मान लगओ| पृथ्बीमे भए बातमे नाए| 3 कहेकी तुम मरे हौ, और तुमरो जीवन परमेश्वरमे ख्रीष्टसंग लुकोहए| 4 ख्रीष्ट जो हमर जीवन हए, बो प्रकट होत तुम फिर बोके संग महिमामे प्रकट हुइहौ|
\c 3 \v 1 1 जहेमारे अगर तुम ख्रीष्टसंग जिउठे हौ तव उपर कि बात कि खोजी करओ, जहाँ ख्रीष्ट हए और परमेश्वरके दहिने बाहुलीघेन बैठोहए| \v 2 2 उपर कि बातमे मान लगओ| पृथ्बीमे भए बातमे नाए| \v 3 3 कहेकी तुम मरे हौ, और तुमरो जीवन परमेश्वरमे ख्रीष्टसंग लुकोहए| \v 4 4 ख्रीष्ट जो हमर जीवन हए, बो प्रकट होत तुम फिर बोके संग महिमामे प्रकट हुइहौ|

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\v 5 \v 6 \v 7 \v 8 5 जहेमारे तुमर मे जो संसारिक स्वभाव कि बात हए बिनके मरओ: व्यभिचार, अशुध्द्ता, कामुकता, खराब इच्छा और लोभ, जो मुर्तिपुजा हए| 6 जे बातनके खातिर परमेश्वरको क्रोध आज्ञा नाए मान्नबारेनके उपर आतहए| 7 तुम फिर जे बातमे रहत अग्गु एक समय अइसी बातमे चल्त रहौ| 8 पर अब तुम फिर जे सब बात त्यागे: रीस, क्रोध, हिस, निन्दा अपन मुहूसे निक्रो फोहर बोली
\v 5 5 जहेमारे तुमर मे जो संसारिक स्वभाव कि बात हए बिनके मरओ: व्यभिचार, अशुध्द्ता, कामुकता, खराब इच्छा और लोभ, जो मुर्तिपुजा हए| \v 6 6 जे बातनके खातिर परमेश्वरको क्रोध आज्ञा नाए मान्नबारेनके उपर आतहए| \v 7 7 तुम फिर जे बातमे रहत अग्गु एक समय अइसी बातमे चल्त रहौ| \v 8 8 पर अब तुम फिर जे सब बात त्यागे: रीस, क्रोध, हिस, निन्दा अपन मुहूसे निक्रो फोहर बोली

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\v 9 \v 10 \v 11 9 एक दुसरेके मत ठगओ, कहेकी पुरानो स्वभाव बाको चालसमेत तुम त्यागेहौ, 10 नयाँ स्वभाव धारण करेहौ, जो अपन सृष्टि कर्ताके रुपअनुसार ज्ञानमे नयाँ होतहौ| 11 यहाँ ग्रीक और यहूदी, खतनाके और बेखतनाके, अशिक्षित, असभ्य, कमैया और फुक्काको भेद ना रएहए, पर ख्रीष्ट सब बात और सब बातमे हए|
\v 9 9 एक दुसरेके मत ठगओ, कहेकी पुरानो स्वभाव बाको चालसमेत तुम त्यागेहौ, \v 10 10 नयाँ स्वभाव धारण करेहौ, जो अपन सृष्टि कर्ताके रुपअनुसार ज्ञानमे नयाँ होतहौ| \v 11 11 यहाँ ग्रीक और यहूदी, खतनाके और बेखतनाके, अशिक्षित, असभ्य, कमैया और फुक्काको भेद ना रएहए, पर ख्रीष्ट सब बात और सब बातमे हए|

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\v 12 \v 13 \v 14 12 जहेमारे परमेश्वरके चुनेभएनके पवित्र और प्रिय हुइके तुम करुणा, दया, दीनता, नम्रता और धैर्य धारण करओ| 13 एक दुसरेके सहबओ, कोइ आदमीनके बिरुध्दमे कोइ दोषको कारन हए तव, एक दुसरेके क्षमा करओ| जैसी प्रभुतुमके क्षमा करी हए, उइसी तुम फिर क्षमा कर्न पड्त् हए| 14 जा सबसे जद्धा बरु प्रेम धारण करओ, जौन सब चीजके एकतामे एकसाथ बाँधत हए|
\v 12 12 जहेमारे परमेश्वरके चुनेभएनके पवित्र और प्रिय हुइके तुम करुणा, दया, दीनता, नम्रता और धैर्य धारण करओ| \v 13 13 एक दुसरेके सहबओ, कोइ आदमीनके बिरुध्दमे कोइ दोषको कारन हए तव, एक दुसरेके क्षमा करओ| जैसी प्रभुतुमके क्षमा करी हए, उइसी तुम फिर क्षमा कर्न पड्त् हए| \v 14 14 जा सबसे जद्धा बरु प्रेम धारण करओ, जौन सब चीजके एकतामे एकसाथ बाँधत हए|

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\v 15 \v 16 \v 17 15 ख्रीष्टको शान्ति तुमरे ह्रदयमे राज्य कराए| नेहत्व, तुम बाके ताहिँ एक शरीरमे बोलए हौ| तुम धन्यबादी होबओ| 16 ख्रीष्टको पुरा बुध्दिमानीसाथ एक दुसरेके सिकओ और अर्ती देओ, और परमेश्वर घेन अपनो ह्रदयमे रहोभव कृतज्ञतासाथ भजन, स्तुति और आत्मिक गाना गबओ| 17 बात अथवा काम जो-जो कर्तहौ, सब बात बोसे परमेश्वर पिताके धन्यबाद चढत् प्रभु येशूके नाउँमे करओ|
\v 15 15 ख्रीष्टको शान्ति तुमरे ह्रदयमे राज्य कराए| नेहत्व, तुम बाके ताहिँ एक शरीरमे बोलए हौ| तुम धन्यबादी होबओ| \v 16 16 ख्रीष्टको पुरा बुध्दिमानीसाथ एक दुसरेके सिकओ और अर्ती देओ, और परमेश्वर घेन अपनो ह्रदयमे रहोभव कृतज्ञतासाथ भजन, स्तुति और आत्मिक गाना गबओ| \v 17 17 बात अथवा काम जो-जो कर्तहौ, सब बात बोसे परमेश्वर पिताके धन्यबाद चढत् प्रभु येशूके नाउँमे करओ|

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\v 18 \v 19 \v 20 \v 21 18 बैयर तुम, प्रभुके दृष्टिमे सुहानबारो अ-अपन लोगाके अधीनमे बैठओ| 19 लोगा तुम, अ-अपन बैयरके प्रेम करओ और बिनके घेन कठोर मतबनओ| 20 लौणा-लौणिया तुम, प्रत्येक बातमे अपन अइया-दौवाको आज्ञापालन करओ| कहेकी जा बात प्रभुके प्रसन्न बनातहए| 21 दौवा तुम, अपन लौणालौणियाके रीस मतउठओ, नत बे निराश हुइहँए|
\v 18 18 बैयर तुम, प्रभुके दृष्टिमे सुहानबारो अ-अपन लोगाके अधीनमे बैठओ| \v 19 19 लोगा तुम, अ-अपन बैयरके प्रेम करओ और बिनके घेन कठोर मतबनओ| \v 20 20 लौणा-लौणिया तुम, प्रत्येक बातमे अपन अइया-दौवाको आज्ञापालन करओ| कहेकी जा बात प्रभुके प्रसन्न बनातहए| \v 21 21 दौवा तुम, अपन लौणालौणियाके रीस मतउठओ, नत बे निराश हुइहँए|

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\v 22 \v 23 22 कमैया तुम, प्रत्येक बातमे जा संसारके अपन मालिकनके आँखी अग्गु खुशी बनान इकल्लो नाए, पर नेहत्व ह्रदयसे प्रभुको डरमे रहिके बिनके अधीनमे बैठओ| 23 तुम जो कर्तहौ दिलदैके करओ, आदमीनको नैयाँ पर प्रभुको सेवा करे कता, \v 24 24 जा जनके कि तुम अपन उत्तरधिकार इनामके रुपमे पबैगे| तुम प्रभुको सेवा कर रहेहौ| \v 25 25 काहेकी अपनो करो कुकर्मको फल कुकर्मी पबैगो, और जामे पक्षपात नैयाँ|
\v 22 22 कमैया तुम, प्रत्येक बातमे जा संसारके अपन मालिकनके आँखी अग्गु खुशी बनान इकल्लो नाए, पर नेहत्व ह्रदयसे प्रभुको डरमे रहिके बिनके अधीनमे बैठओ| \v 23 23 तुम जो कर्तहौ दिलदैके करओ, आदमीनको नैयाँ पर प्रभुको सेवा करे कता, \v 24 24 जा जनके कि तुम अपन उत्तरधिकार इनामके रुपमे पबैगे| तुम प्रभुको सेवा कर रहेहौ| \v 25 25 काहेकी अपनो करो कुकर्मको फल कुकर्मी पबैगो, और जामे पक्षपात नैयाँ|

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आध्याय ३