thr_act_text_reg/16/25.txt

1 line
482 B
Plaintext

\v 25 पर आधीरातमे पावल और सिलास प्रार्थना करतै परमेश्वरको भजन गात रहएँ, और कैदी सो सुनत रहएँ। \v 26 तव एकबरी एक बणो हालाचाला गाव, और झेलको जग हालिगए, और तुरन्त सब फाटक खुले, और सबके बन्धन टुटगए।