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\v 36 योप्पा नगरमे तबिता, औ डोरकास {हरिणी} कहान बारी एक चेला रहए| बा अच्छो काम करन और दान देनमे लागिरहत् रहए | \v 37 बे दिनमे बा बिमार भै और बिनको मृत्यु हुइगव, और आदमी हँदबाएके बाके उपरके पाणके एक कोठामे धरीँ |