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\v 25 काहेकी दाउद बाके बारेमे काहत हए, 'मए प्रभुके सबदिन मेर आग्गु देखो,काहेकी मए नाडगमगमौँ कहिके बा मिर दहिना हांत घेन हए | \v 26 जहेमारे मिर ह्रदय आनन्दित और मिर जीब खुशी हए | जहेमारे मिर शरीर फिर आशामे जिहए