From a4adece76b48adf2b93ec7ee5e1110aead531ae0 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Fri, 4 Aug 2023 10:14:03 +0545 Subject: [PATCH] Fri Aug 04 2023 10:14:02 GMT+0545 (Nepal Time) --- 13/42.txt | 2 +- 13/44.txt | 2 +- 13/46.txt | 2 +- 3 files changed, 3 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/13/42.txt b/13/42.txt index 9fc034a..7d41ebd 100644 --- a/13/42.txt +++ b/13/42.txt @@ -1 +1 @@ -\v 42 ।” पावल और बारनाबास सभाघरसे निकरके जान लागो तव आनबारो शबाथमे फिर जा बात सुनाए देओ कहिके आदमीन बिन्से बिन्ती करीं । \v 43 बैठक निभट्के बहुत यहूदी और यहूदी मत मनन बारे भक्ता पावल और बारनाबासके पिच्छु लागे, और बे बिनके संग मस्कत बिनके परमेश्वरको अनुग्रहमे रहनके ताहिं बिन्ति करिं। \ No newline at end of file +\v 42 ।” पावल और बारनाबास सभाघरसे निकरके जान लागो तव आनबारो शबाथमे फिर जा बात सुनाए देओ कहिके आदमीन बिन्से बिन्ती करीं । \v 43 बैठक निभट्के बहुत यहूदी और यहूदी मत मनन बारे भक्ता पावल और बारनाबासके पिच्छु लागे, और बे बिनके संग मस्कत बिनके परमेश्‍वारको अनुग्रहमे रहनके ताहिं बिन्ति करिं। \ No newline at end of file diff --git a/13/44.txt b/13/44.txt index b8711ad..8245de3 100644 --- a/13/44.txt +++ b/13/44.txt @@ -1 +1 @@ -\v 44 दुस्रो शबाथमे लगभग सबए सहेर परमेश्वरको वचन सुननके उल्झपडे । \v 45 भीडके देखके, यहूदी दीकसे भरी गए और पावलकि कहि भइ बातके नमानि और बिनको बदनामि करीं । \ No newline at end of file +\v 44 दुस्रो शबाथमे लगभग सबए सहेर परमेश्‍वारको वचन सुननके उल्झपडे । \v 45 भीडके देखके, यहूदी दीकसे भरी गए और पावलकि कहि भइ बातके नमानि और बिनको बदनामि करीं । \ No newline at end of file diff --git a/13/46.txt b/13/46.txt index c9dfad4..f360686 100644 --- a/13/46.txt +++ b/13/46.txt @@ -1 +1 @@ -\v 46 पर पावल और बारनाबास साहस करके कहिँ, “परमेश्वरको वचन सबसे पहिले तुमके सुनान जरुरि रहए । तुम जाके इन्कार करके अपनएके अनन्त जीवनको योग्य नठाहिराएके हम अब अन्यजातिनके ठिन जएहंए । \v 47 काहेकी प्रभु हमके अइसो आज्ञा दै हए, पृथ्बीक औरो छोरतक मुक्ति पुगान मए तुमके अन्यजातिनके ताहिँ ज्योति होन जिम्मा दव हंव ।” \ No newline at end of file +\v 46 पर पावल और बारनाबास साहस करके कहिँ, “परमेश्‍वारको वचन सबसे पहिले तुमके सुनान जरुरि रहए । तुम जाके इन्कार करके अपनएके अनन्त जीवनको योग्य नठाहिराएके हम अब अन्यजातिनके ठिन जएहंए । \v 47 काहेकी प्रभु हमके अइसो आज्ञा दै हए, पृथ्बीक औरो छोरतक मुक्ति पुगान मए तुमके अन्यजातिनके ताहिँ ज्योति होन जिम्मा दव हंव ।” \ No newline at end of file