From 8eb8cea1a9aabf6744e4aec1aa5e82bfd06874a2 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 1 Feb 2023 08:34:54 +0545 Subject: [PATCH] Wed Feb 01 2023 08:34:54 GMT+0545 (Nepal Time) --- 04/23.txt | 1 + 1 file changed, 1 insertion(+) create mode 100644 04/23.txt diff --git a/04/23.txt b/04/23.txt new file mode 100644 index 0000000..0c1f972 --- /dev/null +++ b/04/23.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 23 छुटकरा पाएके बे अपन संगी ठिन आए, और मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु कहिभइ बात सब उनके बतए दैं | \v 24 जब बे जा सुनी, तव बे एकसंग परमेश्वरघेन अपन सोर निकारके कहिँ, “हे प्रभु, जौन स्वर्ग, पृथ्बी, समुन्द्र और बिनमे भए गजब चिज बनाइँ, \v 25 जौन पवित्र आत्मासे अपन सेवक हमर पुर्खा दाउदके मुहूसे कहि, 'अन्यजाति काहे दिक्काने, और आदमी व्यर्थकी बात काहे कल्पना करीं? \ No newline at end of file