Wed Jul 26 2023 09:00:26 GMT+0545 (Nepal Time)

This commit is contained in:
tsDesktop 2023-07-26 09:00:28 +05:45
parent 9baeb5dc80
commit 8639db36cc
4 changed files with 5 additions and 3 deletions

View File

@ -1 +1 @@
\v 6 6 "पर बा महासभामे एक दल सदुकी और दुसरो दल फरिसी हयँ कहिके पता पाएके पावल जोणसे कहि, भैयाओ, मए ता फरिसीकी लौडा फरिसी हौं | मरे आदमिनको आशा और पुनरुत्थानको कारनसे मिर मुद्दा चल रहो हए |" \v 7 7 बा अइसो कहि तव फरीसी और सदुकीके बिचमे मतभेद हुइगओ, और भीडमे दुई भाग हुइगओ | \v 8 8 काहेकि सदुकी कहात हएँ की पुनरुत्थान, स्वर्गदूत आत्मा कहान बाले कछु फिर न हएँ | पर फरिसी जे सबय मानत हँए |
\v 6 6 "पर बा महासभामे एक दल सदुकी और दुसरो दल फरिसी हयँ कहिके पता पाएके पावल जोणसे कहि, भैयाओ, मए ता फरिसीकी लौडा फरिसी हौं | मरे आदमिनको आशा और पुनरुत्थानको कारनसे मिर मुद्दा चल रहो हए |" \v 7 7 बा अइसो कहि तव फरीसी और सदुकीके बिचमे मतभेद हुइगओ, और भीडमे दुई भाग हुइगओ । \v 8 काहेकि सदुकी कहात हएँ की पुनरुत्थान, स्वर्गदूत आत्मा कहान बाले कछु फिर न हएँ । पर फरिसी जे सबय मानत हँए ।

View File

@ -1 +1 @@
\v 9 9 "हुवाँ गजब हल्ला होन लागो, और फरिसी दलके कुछ शास्त्री ठाडके अइसे कहात बिबाद करन लगे, "" जा आदमीमे हम कछु खराब न पाए हएँ | अगर आत्मा या स्वर्गदूत जाके अइसो कहि तव का ? " \v 10 10 हुवाँ बडो मतभेद भव पिच्छु उनके हातसे पावलके नोचाखोचीं करहएँ कहिके डरसे सेनपति सिपैयनसे तरे जाएके बिनके उनके बीचसे जबरजत्ति से लाएके ब्यारेक भितर लैजाओ कहिके आज्ञा दै |
\v 9 "हुवाँ गजब हल्ला होन लागो, और फरिसी दलके कुछ शास्त्री ठाडके अइसे कहात बिबाद करन लगे, " जा आदमीमे हम कछु खराब न पाए हएँ अगर आत्मा या स्वर्गदूत जाके अइसो कहि तव का ? " \v 10 हुवाँ बडो मतभेद भव पिच्छु उनके हातसे पावलके नोचाखोचीं करहएँ कहिके डरसे सेनपति सिपैयनसे तरे जाएके बिनके उनके बीचसे जबरजत्ति से लाएके ब्यारेक भितर लैजाओ कहिके आज्ञा दै

View File

@ -1 +1 @@
\v 11 "दुसरे रातके प्रभु उनके जौने ठाडके कहि, " हिम्मत कर, पावल काहेकी जैसी तुम यरुशलेममे मिर विषयमे गवाही दऔ, उइसी तोके रोममे फिर गवाही देन पडैगो ।''
\v 11 "दुसरे रातके प्रभु उनके जौने ठाडके कहि, " हिम्मत कर, पावल काहेकी जैसी तुम यरुशलेममे मिर विषयमे गवाही दऔ, उइसी तोके रोममे फिर गवाही देन पडैगो ।''

View File

@ -194,6 +194,8 @@
"21-title",
"22-title",
"23-title",
"23-09",
"23-11",
"23-12",
"23-14",
"23-16",