diff --git a/05/40.txt b/05/40.txt index 2ebec74..131ddbc 100644 --- a/05/40.txt +++ b/05/40.txt @@ -1 +1 @@ -\v 40 " बे हारुनसे अइसे कहिँ, 'हमर अग्गुअग्गु जानके कोइ देवता हमर ताहिँ बनाएदेओ, काहेकी हमके मिश्रदेशसे निकारके लान बारो जा मोशाके का कैसो भव हमके पता नैयाँ |' \v 41 बे दिनमे बे एक बछ्राको मुर्ति बनाइँ, और बोमे पुजना फिर चढाइँ, और अपन हातके काममे खुशी मनाइँ | \v 42 पर परमेश्वर बिनके ईन्कार करी, और बिनके आकाशको तारामण्डलको उपासना करनके छोडदै, अइसो अगमवक्तानके किताबमे लिखो हए, 'इस्राएलके आदमी तुम, का तुम चालिस वर्षतक उजाड-स्थानमे मोके पशुबलि और भेटी चढाए? \ No newline at end of file +\v 40 " बे हारुनसे अइसे कहिँ, 'हमर अग्गुअग्गु जानके कोइ देवता हमर ताहिँ बनाएदेओ, काहेकी हमके मिश्रदेशसे निकारके लान बारो जा मोशाके का कैसो भव हमके पता नैयाँ ।' \v 41 बे दिनमे बे एक बछ्राको मुर्ति बनाइँ, और बोमे पुजना फिर चढाइँ, और अपन हातके काममे खुशी मनाइँ । \v 42 पर परमेश्वर बिनके ईन्कार करी, और बिनके आकाशको तारामण्डलको उपासना करनके छोडदै, अइसो अगमवक्तानके किताबमे लिखो हए, 'इस्राएलके आदमी तुम, का तुम चालिस वर्षतक उजाड-स्थानमे मोके पशुबलि और भेटी चढाए? \ No newline at end of file diff --git a/06/01.txt b/06/01.txt index 827f782..01c1580 100644 --- a/06/01.txt +++ b/06/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 6 \v 1 बे दिनमे चेलनको संख्या बढत् गौ, तव हिब्रूनके बिरुध्दमे ग्रीक-यहूदी गनगन करीँ, काहेकी दिनको खाना बिनकी विधुवा चाहन बारो भोजन ना पात रहएँ | \ No newline at end of file +\c 6 \v 1 बे दिनमे चेलनको संख्या बढत् गौ, तव हिब्रूनके बिरुध्दमे ग्रीक-यहूदी गनगन करीँ, काहेकी दिनको खाना बिनकी विधुवा चाहन बारो भोजन ना पात रहएँ । \ No newline at end of file diff --git a/06/02.txt b/06/02.txt index e9263aa..df34259 100644 --- a/06/02.txt +++ b/06/02.txt @@ -1 +1 @@ -\v 2 तव बाह्रओ चेलनको झुँणके बुलाएके कहिँ, “परमेश्वरको वचन प्रचार करन् छोडके खबान-पिबानको सेवा करन् हमर ताहिँ ठीक ना हए \v 3 | जहेमारे भैयारेओ, तुम मैसे पवित्र आत्मा और बुध्दिसे भरे और सबको आदर पाए भए सात आदमी छानए जौनके हम जा काममे चुनएँ | \v 4 पर हम त प्रार्थना और वचनको सेवकाईमे पुरो समय देमंगे |” \ No newline at end of file +\v 2 तव बाह्रओ चेलनको झुँणके बुलाएके कहिँ, “परमेश्वरको वचन प्रचार करन् छोडके खबान-पिबानको सेवा करन् हमर ताहिँ ठीक ना हए \v 3 । जहेमारे भैयारेओ, तुम मैसे पवित्र आत्मा और बुध्दिसे भरे और सबको आदर पाए भए सात आदमी छानए जौनके हम जा काममे चुनएँ | \v 4 पर हम त प्रार्थना और वचनको सेवकाईमे पुरो समय देमंगे ।” \ No newline at end of file