diff --git a/21/12.txt b/21/12.txt new file mode 100644 index 0000000..2d6e613 --- /dev/null +++ b/21/12.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 12 \v 13 \v 14 12 जा बात सुनके हम और बा ठाउँके आदमी मिलके बिनसे यरुशलेममे मत् जाओ करके बिन्ती करे | 13 पर पावल जवाफ दै, “तुम अइसे रोएके मिर मनके काहे छोटो(तोडत) बनात हौ? काहेकी प्रभु येशूके नाउँके ताहिँ जेल पणनो इकल्लो ना, पर यरुशलेममे मरन फिर मए तयार हौ | 14 "बाके मनाए नाए पाएके "प्रभुको इच्छा पुरा होबए करके हम चुप लागे |" \ No newline at end of file diff --git a/21/15.txt b/21/15.txt new file mode 100644 index 0000000..fb07e34 --- /dev/null +++ b/21/15.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 15 \v 16 15 बे दिन पिछु हम तयार भए, और यरुशलेम घेन लागे | 16 हमर संगमे कैसरियाक कोइ-कोइ चेला फिर गए, और बे हमके साइप्रसको एक जनि पुरानो चेला मनासोन कहान बारोक घरमे ल्याइँ| बिनके संग हमके बैठन पणो रहए | \ No newline at end of file diff --git a/21/17.txt b/21/17.txt new file mode 100644 index 0000000..c8c54d6 --- /dev/null +++ b/21/17.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 17 \v 18 \v 19 17 और जब हम यरुशलेममे आए गए, तव भैया हमके खुशी से स्वागत करीँ ।18 दुसरो दिन पावल हमरसंग याकुबके ठिन गए । हुँवा सबए एल्डर एकठ्ठा रहंए।19 बिनके मिलभेटके पिच्छु, पावल बाकि सेवकाइसे अन्यजातिनके बिचमे परमेश्वरके करो भव काम +8बिनके एकएक करके बयान करि। \ No newline at end of file