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\v 23 काहेकी जौन परमेश्वरको मए हौँ । और जौनको आराधना मए करत हौँ, बाको एक दुत आज रातके मिर जौडे ठडो रहए । \v 24 बा मोसे कहि, 'पावल मत डरए, तुम कैसरके अग्गु आवश्यक ठडन पडैगो, और देखओ, तुमर संग जहाजमे चढ्न बारेक प्राण परमेश्वर तुमरे हातमे सौप दै हए ।' \v 25 जहेमारे संगी तुम सहांस करओ मए परमेश्वरमे विश्वास करत हौँ, मोके जैसो बताई हए ठीक उइसी हुइहए । \v 26 पर हम के कोइ एक टापूमे ठाक्कर खान पडैगो ।”
\v 23 काहेकी जौन परमेश् मए हौँ । और जौनको आराधना मए करत हौँ, बाको एक दुत आज रातके मिर जौडे ठडो रहए । \v 24 बा मोसे कहि, 'पावल मत डरए, तुम कैसरके अग्गु आवश्यक ठडन पडैगो, और देखओ, तुमर संग जहाजमे चढ्न बारेक प्राण परमेश्वर तुमरे हातमे सौप दै हए ।' \v 25 जहेमारे संगी तुम सहांस करओ मए परमेश्वरमे विश्वास करत हौँ, मोके जैसो बताई हए ठीक उइसी हुइहए । \v 26 पर हम के कोइ एक टापूमे ठाक्कर खान पडैगो ।”

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\v 27 तव जब चौथो रात भई, और एडियास समुन्द्रमे हम उतरत् रहए, तव आँधी रात घेन जहाज चलन बारे हम कोइ जमिनके ढिगैं पुगे हए करके अनुमान करीँ, \v 28 और गहेराई नापके देखि बे सैतिस मिटर पता लगाई थुरदुर जाएके फिर गाहराई नपाके बे छब्बीस मिटर पता लगइँ \v 29 और कोइ चट्टान उपर ठ्क्कर खान पुगे हँए कि डरसे बे जहाजके पिच्छुसे चार लंगार गिरइ, और सुबेरे होबए करके प्रार्थना करत रहए ।
\v 27 तव जब चौथो रात भई, और एडियास समुन्द्रमे हम उतरत् रहए, तव आँधी रात घेन जहाज चलन बारे हम कोइ जमिनके ढिगैं पुगे हए करके अनुमान करीँ, \v 28 और गहेराई नापके देखि बे सैतिस मिटर पता लगाई थुरदुर जाएके फिर गाहराई नपाके बे छब्बीस मिटर पता लगइँ \v 29 और कोइ चट्टान उपर ठ्क्कर खान पुगे हँए कि डरसे बे जहाजके पिच्छुसे चार लंगार गिरइ, और सुबेरे होबए करके प्रार्थना करत रहए ।

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"27-30",
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"27-36",