diff --git a/21/25.txt b/21/25.txt new file mode 100644 index 0000000..1c48947 --- /dev/null +++ b/21/25.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 25 \v 26 25 पर अन्यजाति जौन विश्वास करीं हँए, बे मुर्तिनके बलि चढावभव चिज, खुन, घेंट अमेठके मारोभव पशूको माशु और व्यभिचारसे अलग रहन पड़त हए कहिकी हमर छलफल करके हम पत्र लिखें हँए | 26 तव पावल वे आदमीनके लै गव, और दुसरो दिन बिनके संगएसंग अपनएके फिर शुद्ध करी, और शुध्द भए दिन कब् पुरो हुइहए, औ सबएके ताहिँ देनबारि भेटीको खबर देन बा मन्दिर भित्र घुसो | \ No newline at end of file diff --git a/21/27.txt b/21/27.txt new file mode 100644 index 0000000..70e6b3c --- /dev/null +++ b/21/27.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 27 \v 28 \v 29 | 27 जब सातौ दिन पूरो होन लागो रहए,तव एशियक यहूदि पावलके मंदिरमे देखके पुरि भिडके उक्साँइ, और बाके पकणीँ | 28 "बे अइसे कहातए चिल्लान लागे "इस्त्राएलके आदमीयों, सहयोग करओ! आदमीके जहाँतहाँ हमार जात, हमार व्यवस्था और जा ठाउँको विरूध्द्मे शिक्षा दैके नेगन बालो आदमी जहे हए| इतका इक्लो ना, जा ग्रीकनके फिर मन्दिर भितर लाएके जा पवित्र ठाउँके अशुध्द बनाएदै हए |”" 29 काहेकी जासे अग्गु बे एफिससको त्रोफिमस कहान बारो एक आदमीके बाके संग शहेरमे देखिरहँए जहेमारे बहेके पावल मन्दिर भितर लाइ हए कहिके बे सोचीँ | \ No newline at end of file