From 6d7859ab0b174c1c914f32c45a5fdc14b022cfb9 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Wed, 26 Jul 2023 09:28:29 +0545 Subject: [PATCH] Wed Jul 26 2023 09:28:27 GMT+0545 (Nepal Time) --- 21/27.txt | 2 +- 21/30.txt | 2 +- 21/32.txt | 2 +- manifest.json | 2 ++ 4 files changed, 5 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/21/27.txt b/21/27.txt index d2f8578..750348f 100644 --- a/21/27.txt +++ b/21/27.txt @@ -1 +1 @@ -\v 27 | 27 जब सातौ दिन पूरो होन लागो रहए,तव एशियक यहूदि पावलके मंदिरमे देखके पुरि भिडके उक्साँइ, और बाके पकणीँ | \v 28 28 "बे अइसे कहातए चिल्लान लागे "इस्त्राएलके आदमीयों, सहयोग करओ! आदमीके जहाँतहाँ हमार जात, हमार व्यवस्था और जा ठाउँको विरूध्द्मे शिक्षा दैके नेगन बालो आदमी जहे हए| इतका इक्लो ना, जा ग्रीकनके फिर मन्दिर भितर लाएके जा पवित्र ठाउँके अशुध्द बनाएदै हए |”" \v 29 29 काहेकी जासे अग्गु बे एफिससको त्रोफिमस कहान बारो एक आदमीके बाके संग शहेरमे देखिरहँए जहेमारे बहेके पावल मन्दिर भितर लाइ हए कहिके बे सोचीँ | \ No newline at end of file +\v 27 | 27 जब सातौ दिन पूरो होन लागो रहए,तव एशियक यहूदि पावलके मंदिरमे देखके पुरि भिडके उक्साँइ, और बाके पकणीँ | \v 28 28 "बे अइसे कहातए चिल्लान लागे "इस्त्राएलके आदमीयों, सहयोग करओ! आदमीके जहाँतहाँ हमार जात, हमार व्यवस्था और जा ठाउँको विरूध्द्मे शिक्षा दैके नेगन बालो आदमी जहे हए। इतका इक्लो ना, जा ग्रीकनके फिर मन्दिर भितर लाएके जा पवित्र ठाउँके अशुध्द बनाएदै हए ।" \v 29 काहेकी जासे अग्गु बे एफिससको त्रोफिमस कहान बारो एक आदमीके बाके संग शहेरमे देखिरहँए जहेमारे बहेके पावल मन्दिर भितर लाइ हए कहिके बे सोचीँ । \ No newline at end of file diff --git a/21/30.txt b/21/30.txt index b6ab3ce..d98a04c 100644 --- a/21/30.txt +++ b/21/30.txt @@ -1 +1 @@ -\v 30 30 तव सबए शहेरमे हलचल भव, और आदमी एकए संग दौरत आए| बे पावलके पक्ड़के मन्दिरसे बाहिर कढ़ेरत लाइं, और तुरनतए फाटक बन्द करीं | \v 31 31 जब बे बाके मारन कोशिस करनडटे रहएँ, तव सबए यरुसलेममे घप्चल मचो हए कहिके पल्टन के सेनापति ठिन जा खबरआयपुगो | \ No newline at end of file +\v 30 तव सबए शहेरमे हलचल भव, और आदमी एकए संग दौरत आए| बे पावलके पक्ड़के मन्दिरसे बाहिर कढ़ेरत लाइं, और तुरनतए फाटक बन्द करीं । \v 31 जब बे बाके मारन कोशिस करनडटे रहएँ, तव सबए यरुसलेममे घप्चल मचो हए कहिके पल्टन के सेनापति ठिन जा खबरआयपुगो । \ No newline at end of file diff --git a/21/32.txt b/21/32.txt index 940f185..594082f 100644 --- a/21/32.txt +++ b/21/32.txt @@ -1 +1 @@ -\v 32 32 बा तुरन्तए सिपाही और कप्ताननके संगमे लैके बिनके ठीन दौरत आओ | बे सेनापती और सिपाहीनके देखिँ और पावलके मारन छोड़धदैई | \v 33 33 तव बा सेनापति ढींगै आएके पावलके पकड़ी और दुइ साँकरसे बाके बाधनके हुकुम दैं जा कौन हए और जा का करीहए कहिके बा पुछिं । \ No newline at end of file +\v 32 बा तुरन्तए सिपाही और कप्ताननके संगमे लैके बिनके ठीन दौरत आओ । बे सेनापती और सिपाहीनके देखिँ और पावलके मारन छोड़धदैई । \v 33 तव बा सेनापति ढींगै आएके पावलके पकड़ी और दुइ साँकरसे बाके बाधनके हुकुम दैं । जा कौन हए और जा का करीहए कहिके बा पुछिं । \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 74a7dd4..a93f7fb 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -192,6 +192,8 @@ "19-08", "20-title", "21-title", + "21-30", + "21-32", "21-34", "21-37", "21-39",