diff --git a/13/09.txt b/13/09.txt index a5fb979..f4d7264 100644 --- a/13/09.txt +++ b/13/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 9 पर शाऊल जौनसे पावल फिर कहात हैं, पवित्र आत्मासे भरके बाके उपर एक नजर लगाएके देखि, \v 10 "तय दियाबलसको लौणा, सबै धार्मिकताको शत्रु, सबै छल और दुष्टतासे भरो ! का तए प्रभुको सुध डगरके टेंढो करन् न छोड़ैगो? \ No newline at end of file +\v 9 पर शाऊल जौनसे पावल फिर कहात हैं, पवित्र आत्मासे भरके बाके उपर एक नजर लगाएके देखि, \v 10 "तय दियाबलसको लौणा, सबै धार्मिकताको शत्रु, सबै छल और दुष्टतासे भरो ! का तए प्रभुको सुध डगरके टेंढो करन् न छोड़ैगो? \ No newline at end of file diff --git a/13/11.txt b/13/11.txt index 0155e7e..9e0813f 100644 --- a/13/11.txt +++ b/13/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 " 11 अब देख प्रभुको हात तिर उपर पणो हए, और तए कुछ देरतक घामुको उजियारो न देख पाएके अन्धरा हुइजए हए |” और उतनीय खिन कोहरा और अँध्यारो बाके तोपलैं, और कोइ बाको हात पकणके डुरियाय देबए करके इतए उतए जान लागो | \v 12 12 तव राज्यको बा शासक जा भव देखके विश्वास करी, काहेकी प्रभुको शिक्षामे बा अचम्मो मानि रहए | \ No newline at end of file +\v 11 " अब देख प्रभुको हात तिर उपर पणो हए, और तए कुछ देरतक घामुको उजियारो न देख पाएके अन्धरा हुइजए हए ।” और उतनीय खिन कोहरा और अँध्यारो बाके तोपलैं, और कोइ बाको हात पकणके डुरियाय देबए करके इतए उतए जान लागो । \v 12 तव राज्यको बा शासक जा भव देखके विश्वास करी, काहेकी प्रभुको शिक्षामे बा अचम्मो मानि रहए । \ No newline at end of file diff --git a/13/13.txt b/13/13.txt index e0ea214..8b8a75d 100644 --- a/13/13.txt +++ b/13/13.txt @@ -1 +1 @@ -\v 13 13 पावल और बिनके सँगी पाफोससे जहाज चढके पामफिलियाको पर्गामा पुगे, और युहन्‍ना ता बिनसे छुट्के यरुशलेम घुमिगओ | \v 14 14 पर बे पर्गासे निकरके पिसिदियाको एन्टिओखियामे आए, और शबाथमे* सभाघर भितर जाएके बैठे | \v 15 15 अब व्यवस्था और अगमवक्ताक किताबको पाठ पढ्के पिच्छु सभाघरके शासक बिनके ठिन अइसे कहिके पठाइँ, “ए भैयओ तुमरे सँग आदमीनके ताहीं ज्ञानको वचन कुछ हए कहे से कहओ |” \ No newline at end of file +\v 13 13 पावल और बिनके सँगी पाफोससे जहाज चढके पामफिलियाको पर्गामा पुगे, और युहन्‍ना ता बिनसे छुट्के यरुशलेम घुमिगओ | \v 14 14 पर बे पर्गासे निकरके पिसिदियाको एन्टिओखियामे आए, और शबाथमे* सभाघर भितर जाएके बैठे | \v 15 अब व्यवस्था और अगमवक्ताक किताबको पाठ पढ्के पिच्छु सभाघरके शासक बिनके ठिन अइसे कहिके पठाइँ, “ए भैयओ तुमरे सँग आदमीनके ताहीं ज्ञानको वचन कुछ हए कहे से कहओ ।” \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 563eb0b..8645021 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -177,6 +177,8 @@ "12-title", "12-01", "13-title", + "13-09", + "13-11", "14-title", "15-title", "16-title",