From 193fac11b10f9ae6432ffd4a722b16c8ff9f3340 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Thu, 20 Jul 2023 08:07:51 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 20 2023 08:06:57 GMT+0545 (Nepal Time) --- 14/14.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/14/14.txt b/14/14.txt index 6e64ae7..e85868a 100644 --- a/14/14.txt +++ b/14/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 \v 15 \v 16 14 पर जब प्रेरित, बारनाबास और पावल जा बात सुनीं तव बे अपनो कुर्ता फारके अइसे कहातए चिल्लाएके आदमीनके बीचमे दौड्तए गए और कहिँ, 15" आदमिओं, तुम काहे अइसो काम करत हौँ? हम फिर त तुमहि कता दु:ख-सुख भोगन बारे आदमी हंए, और तुमके जे बेकारकि बातसे जिन्दा परमेश्वर घेन घुमन ताहिं सुसमाचार सुनात हएं, जौन परमेश्वर स्वर्ग, पृथ्बी, समुन्द्र और बिनमे भए सब चीज बनाइ हए | 16 बा अग्गु बितेभए पुस्तामे सब जातिनके अपनि-अपनि रीतिअनुसार चलन दै | \ No newline at end of file +\v 14 14 पर जब प्रेरित, बारनाबास और पावल जा बात सुनीं तव बे अपनो कुर्ता फारके अइसे कहातए चिल्लाएके आदमीनके बीचमे दौड्तए गए और कहिँ, \v 15 15" आदमिओं, तुम काहे अइसो काम करत हौँ? हम फिर त तुमहि कता दु:ख-सुख भोगन बारे आदमी हंए, और तुमके जे बेकारकि बातसे जिन्दा परमेश्वर घेन घुमन ताहिं सुसमाचार सुनात हएं, जौन परमेश्वर स्वर्ग, पृथ्बी, समुन्द्र और बिनमे भए सब चीज बनाइ हए | \v 16 16 बा अग्गु बितेभए पुस्तामे सब जातिनके अपनि-अपनि रीतिअनुसार चलन दै | \ No newline at end of file