From 15d92cb9841ed423d9c162fef4744bbf1ff8a10e Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Fri, 4 Aug 2023 09:28:02 +0545 Subject: [PATCH] Fri Aug 04 2023 09:28:01 GMT+0545 (Nepal Time) --- 19/01.txt | 2 +- 19/03.txt | 2 +- manifest.json | 2 +- 3 files changed, 3 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/19/01.txt b/19/01.txt index d174c66..3198599 100644 --- a/19/01.txt +++ b/19/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 19 \v 1 अपोल्लोस कोरिन्थिमे रहए तव पावल भितारको इलाकासे एफिससमे आओ । हुवाँ बा एक आद चेलानके पाई । \v 2 "बो उन्से कहि, ''तुम विश्वास करे का तुम पवित्रा आत्मा पाए? बे बासे कहिँ, पवित्रा आत्मा होत हए कहिके बा हम सुने फिर ना हँए । " \ No newline at end of file +\c 19 \v 1 अपोल्लोस कोरिन्थिमे रहए तव पावल भितारको इलाकासे एफिससमे आओ । हुवाँ बा एक आद चेलानके पाई । \v 2 "बो उन्से कहि, ''तुम विश्‍वास करे का तुम पवित्रा आत्मा पाए? बे बासे कहिँ, पवित्रा आत्मा होत हए कहिके बा हम सुने फिर ना हँए । " \ No newline at end of file diff --git a/19/03.txt b/19/03.txt index 7857801..4a14b05 100644 --- a/19/03.txt +++ b/19/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 "औ बा उनसे कहिं तव तुम सब कैसो बप्तिस्मा लए ? " \v 4 "तव पावल कहि, "यहुन्‍नासे दओ भव बप्तिस्मा ता पश्चातापको बप्तिस्मा रहए । बा पच्छु आनबरे आदमी और येशूमे विश्वास करिओ कहिके बा आदमिनके बतात रहए ।" \ No newline at end of file +\v 3 "औ बा उनसे कहिं तव तुम सब कैसो बप्तिस्मा लए ? " \v 4 "तव पावल कहि, "यहुन्‍नासे दओ भव बप्तिस्मा ता पश्‍चतापको बप्तिस्मा रहए । बा पच्छु आनबरे आदमी और येशूमे विश्‍वास करिओ कहिके बा आदमिनके बतात रहए ।" \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4646fca..34be3d9 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -318,9 +318,9 @@ "18-20", "18-22", "18-24", - "18-27", "19-title", "19-01", + "19-03", "19-05", "19-08", "19-11",