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\v 27 "काहेकि जे आदमिनको हृदय कमजोर हुइगौ हए, और बिनके कान बाहिरे हुइगए हए, और बे अपन आँखी मिचे हँए, नत बे अपन आँखी से दिखते, कानसे सुनते, हृदयसे समझते, और लौटते, और मए बिनके अच्छो करतो ।"27 "काहिकि जे आदमिनको हृदय कमजोर हुइगौ हए, और बिनके कान बाहिरे हुइगए हए, और बे अपन आँखी मिचे हँए, नत बे अपन आँखी से दिखते, कानसे सुनते, हृदयसे समझते, और लौटते, और मए बिनके अच्छो करतो ।"