thr_2ti_text_reg/03/01.txt

1 line
1.0 KiB
Plaintext

\c 3 \v 1 पर जा याद करओ, कि आखिरी दिनमे डरलाग्न बारो समय अबैगो \v 2 काहेकी आदमी अपनए इकल्ले माया करन् बारे, रुपैया पैसाको लालच करन बारे, घमण्डी, ढिट, औरको बद्नाम करन बारे, अइया-दौवाको आज्ञापालन ना करन बारे,बिना गुन भए और अपवित्र, \v 3 3 स्वाभाविक प्रेमरहित,के, खुशी ना कर पनबारे, औरको बिजरो करन बारे, दुरचारी, क्रूर, असल बातके घिणना करन बारे, \v 4 4 विश्वासघाती, उत्ताउला, अहङाकारसे फुले, परमेश्वरसे जद्धा सुख-विलासके प्रेम करन बारे,