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\v 5 भक्तिको भेष लेनो, पर बाको शक्तिके इन्कार करन बारे होमंगे । अइसे आदमीनसे अलगए बैठओ । \v 6 काहेकी बिन मैसे कोइ-कोइ घर-घर घुसके पापसे थिचरे और बिभिन्‍न पापके कब्जामे पणे कमजोर बैयरनके अपन अधीनमे करत हँए । \v 7 जौन बैयर सिखन त सदामान सिखत हँए, पर सत्यको ज्ञानमे कबहु आए ना पात हँए ।