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\v 22 जहेमारे जवानीके अभिलाषा त्यागओ, और शुध्द ह्रदयसे प्रभुको नाउँ लेनेके संगसंग धार्मिकता, विश्वास, प्रेम और शान्तिको लक्ष्य राखओ । \v 23 पर मुर्ख और बेसमझको सवाल जवाफके इन्कार करओ -तुम जान्त हौ जिनसे लाडई होतहए ।