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\v 4 जब मए तुमके निरन्तर अपन प्रार्थनामे सम्झत हौं,मए परमेश्वरके धन्यवाद देत हौँ, जौनको सेवा मिर पिता पुर्खा करे जैसो मए शुद्ध विवेकसे कर्त हौ \v 3 ।तिर आँशु सम्झत् रातदिन तोसे भेटन मेरो उत्कट इच्छा होतहए, और मए आनन्दसे भरन सकौँ। \v 5 मोके तुम्हर निष्कपट विश्वासको सम्झना होतहए। बो विश्वास, जो पहिले तुमरी दादी लोइसमे रहए, और तुमरी अइया युनिसमे तव मोके निश्चित हए, बो विश्वास तुमर मे फिर हए।