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\v 3 भैयओ, तुमरे ताहिँ परमेश्वारके सबदिन धन्यबाद देनके हम बाध्य हँए| जाके योग्य फिर हँए, कहेकी तुमरो विश्वास प्रशस्त करके बृध्दि हुइरहोहए, और एक- दुसरे प्रति तुमरो हरेकको प्रेम बढरहो हए। \v 4 जहेमारे तुम सब सतावट और तुम सहेरहे कष्टके बीचमे तुमरो स्थिरता और विश्वासके ताहिँ परमेश्वारको मण्डलीके बीचमे हम बहुत गर्व कर्तहँए। \v 5 5परमेश्वाके धार्मिक इन्साफके साक्षी जहेहए, कि तुम परमेश्वारके राज्यकेयाेग्गेक ठाहिरन सिकौ, जौनके ताहिँ तुम दु:ख भोग रहेहौ। |