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\c 3 \v 1 अन्तमे भैया रेव हमर ताहिँ प्रार्थना करओ, ताकि प्रभुको वचन जल्दीसे पुरो फैलए और बिजय होबए, जैसी तुमरे बीचमे भव फिर रहए, \v 2 और हम दुष्ट औ परमेश्‍वारसे दुरभए आदमीनसे छुट्कारा पान सीकएँ,काहेकी सबएसँग बीसवास नाए होतहए । \v 3 पर प्रभु त बिश्‍वास योग्य हए। बो तुमके स्थिर करैगोऔर दुष्टसे सुरक्षित रखाबैगो।