From 96ef361aaa72e2ee0ed9e6a9a0bfc840c7166568 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Tue, 8 Aug 2023 07:32:00 +0545 Subject: [PATCH] Tue Aug 08 2023 07:31:59 GMT+0545 (Nepal Time) --- 01/03.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 2 files changed, 2 insertions(+), 1 deletion(-) diff --git a/01/03.txt b/01/03.txt index d795347..2f15cf2 100644 --- a/01/03.txt +++ b/01/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 भैयओ, तुमरे ताहिँ परमेश्‍वारके सबदिन धन्यबाद देनके हम बाध्य हँए| जाके योग्य फिर हँए, कहेकी तुमरो विश्‍वास प्रशस्त करके बृध्दि हुइरहोहए, और एक- दुसरे प्रति तुमरो हरेकको प्रेम बढरहो हए। \v 4 जहेमारे तुम सब सतावट और तुम सहेरहे कष्टके बीचमे तुमरो स्थिरता और विश्वा ताहिँ परमेश्‍वारको मण्डलीके बीचमे हम बहुत गर्व कर्तहँए। \v 5 5परमेश्‍वाके धार्मिक इन्साफके साक्षी जहेहए, कि तुम परमेश्‍वारके राज्यकेयाेग्गेक ठाहिरन सिकौ, जौनके ताहिँ तुम दु:ख भोग रहेहौ। \ No newline at end of file +\v 3 भैयओ, तुमरे ताहिँ परमेश्‍वारके सबदिन धन्यबाद देनके हम बाध्य हँए| जाके योग्य फिर हँए, कहेकी तुमरो विश्‍वास प्रशस्त करके बृध्दि हुइरहोहए, और एक- दुसरे प्रति तुमरो हरेकको प्रेम बढरहो हए। \v 4 जहेमारे तुम सब सतावट और तुम सहेरहे कष्टके बीचमे तुमरो स्थिरता और विश्‍वासके ताहिँ परमेश्‍वारको मण्डलीके बीचमे हम बहुत गर्व कर्तहँए। \v 5 5परमेश्‍वाके धार्मिक इन्साफके साक्षी जहेहए, कि तुम परमेश्‍वारके राज्यकेयाेग्गेक ठाहिरन सिकौ, जौनके ताहिँ तुम दु:ख भोग रहेहौ। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4f5b3a5..9e9683e 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -39,6 +39,7 @@ "front-title", "01-title", "01-01", + "01-03", "01-06", "01-09", "01-11",