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\v 17 जा संसारके धनीके घमण्डी ना होन् आज्ञा देओ, और अनिश्चित सम्पतिमे ना बल्कि हमके सब थोक प्रसस्तसंग उपभोक् करन् देनवारो परमेश्वर उपर बे आशा धरएँ । \v 18 बे असल काम करयाँ, और असल काममे धनी,सहयोगी भाबना और दानि होमएँ । \v 19 अइसी अपने ताहीं भविष्य कि असल जग बैठर सिकएँ, ताकी बे बा जीवन पकणी रहमए जो नेहत्व जीवन हए ।