thr_1ti_text_reg/03/08.txt

1 line
632 B
Plaintext

\v 8 उइसी करके डिकन फिर इज्जतदार होन पड्तहए, दुईमुहा, जद्धा दारु पिनबारो और धनको लोभी ना होबए, \v 9 पर बे विश्वासको सत्यताके सुध्द विवेकमे कायम करनबारे होन पडतहए। \v 10 पहिले बिनको जाँच होबए तव फिर पच्छु बे सेवा करएँ काहेकी बेिनकी बदनाम ना होन पणत हए।