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\v 6 बे नयाँ विश्वासी ना होमए, नत घमण्डसे फुलके बे दियाबलसके पानबारो दण्डमे पणेहएँ । \v 7 फिर, बाहिरके दृष्टिमे फिर बे असल बनन् पड्तहए ।ताकी बे शर्ममे और दुष्टको फन्दामे ना पणंएँ ।