From 0bce42e1ee2465afe217e75196d5a7848934ee83 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Mon, 31 Jul 2023 19:21:05 +0545 Subject: [PATCH] Mon Jul 31 2023 19:21:05 GMT+0545 (Nepal Time) --- 01/18.txt | 2 +- 02/01.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/01/18.txt b/01/18.txt index 8401554..ac24789 100644 --- a/01/18.txt +++ b/01/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 मेरो लौणा तिमोथी, मए तुमके जा आज्ञा देतहौ, कि तुमरो सम्बन्धमे अग्गु कहो अगमवाणी अनुसार बिनसे प्रेरण पाएके विश्वास और असल विवेक कायम करत तुम असल लडाई लडन सिकओ । \v 19 विश्वास और स्वच्छ विवेक कायम करओ । कोइ- कोइ आदमी विवेकके इन्कार करके अपन विश्‍वासमे नष्ट भए हँएँ । \v 20 बिन मैसे हुमेनियस और अलेक्जेन्डर जैसे आदमीनके मए शैतानके हातमे सुम्पओ हौ , ताकी बे निन्‍दा करन ना पड्त हए कहिके सिकँएँ । \ No newline at end of file +\v 18 मेरो लौणा तिमोथी, मए तुमके जा आज्ञा देतहौ, कि तुमरो सम्बन्धमे अग्गु कहो अगमवाणी अनुसार बिनसे प्रेरण पाएके विश्वास और असल विवेक कायम करत तुम असल लडाई लडन सिकओ । \v 19 विश्वास और स्वच्छ विवेक कायम करओ । कोइ- कोइ आदमी विवेकके इन्कार करके अपन विश्‍वासमे नष्ट भए हँएँ । \v 20 बिन मैसे हुमेनियस और अलेक्जेन्डर जैसे आदमीनके मए शैतानके हातमे सुम्पओ हौ , ताकी बिनके निन्‍दा करन ना पड्त हए कहिके सिकँएँ । \ No newline at end of file diff --git a/02/01.txt b/02/01.txt index 4995180..cab1fda 100644 --- a/02/01.txt +++ b/02/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 2 \v 1 1 सबसे पहिले मए आग्रह कर्तहौँ, कि सबए आदमीनके ताहिँ नम्र-निबेदन, प्रार्थना और मध्यस्थ- बिन्ती और धन्यबाद चढमए, \v 2 2 राजा और सब उँचे पदमे भएनके ताहिँ फिर, ताकि हम निर्धक्क और शान्तिपूर्ण हुइके हरप्रकारसे धार्मिक और आदरणीय जीवन बितान सकाएँ| \v 3 3 हमर मुक्तिदाता परमेश्वरको दृष्टिमे जा असल और ग्रहण योग्य हए| \v 4 4 सब आदमी मुक्ति पामए और बे सत्यके ज्ञानमे आमए करके इच्छा बा कर्तहए| \ No newline at end of file +\c 2 \v 1 सबसे पहिले मए आग्रह कर्तहौँ, कि सबए आदमीनके ताहिँ नम्र-निबेदन, प्रार्थना और मध्यस्थ- बिन्ती और धन्यबाद चढमए, \v 2 राजा और सब उँचे पदमे भएनके ताहिँ फिर, ताकि हम निर्धक्क और शान्तिपूर्ण हुइके हरप्रकारसे धार्मिक और आदरणीय जीवन बितान सकाएँ । \v 3 हमर मुक्तिदाता परमेश्वरको दृष्टिमे जा असल और ग्रहण योग्य हए । \v 4 सब आदमी मुक्ति पामए और बे सत्यके ज्ञानमे आमए करके इच्छा बा कर्तहए| \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index bdf3585..6165c8d 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -44,6 +44,7 @@ "01-09", "01-12", "01-15", + "01-18", "02-title", "03-title", "04-title",