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\v 15 याद राखओ, कोइ खराबीको बदलामे खराबी मत करओ, पर एक दुसरे और सबके संग सबदिन भलाइ करनके बिचार करओ । \v 16 सबदिन आनन्दित रहौ । \v 17 निरन्तर प्रार्थना करत रहौ । \v 18 सब परिस्थितिमे धन्यबाद देओ, काहेकी ख्रीष्ट येशूमे तुमरे ताहिँ परमेश्वरको इच्छा जहे हए । |